हार्ट फेलियर (Heart Failure) का नाम सुनते ही कोई भी मरीज़ घबरा जाता है. “हार्ट फेलियर” असल में भ्रमित करने वाला शब्द/नाम है. हार्ट फेलियर का असल मतलब हार्ट का कमज़ोर होना है, न की फेलियर होना. हार्ट कितना भी कमज़ोर हो सकता है: थोड़े से लेकर बहुत ज्यादा. हार्ट फेलियर के मरीज़ बहुत अचछे से अपना जीवन व्यतीत कर सकते है; बशर्ते वो कुछ सावधानी रखें.यदि हार्ट फेलियर का कारण हार्ट की नसों में ब्लॉकेज है तो आप दिए गए लिंक को भी देखें: यदि हार्ट फेलियर का कारण हार्ट की नसों में ब्लॉकेज है तो आप हार्ट अटैक से सम्बंधित diet and lifestyle भी अपनाएं.
1.सबसे पहले अपने लक्षण पहचानना सीखे:
- पैरो में सूजन आना.
- थोडा से काम पर सांस फूलना;
- लेटने पर सांस की दिककत ज्यादा होना.
- छाती में दर्द होना.
- सांस की वजह से रात को नींद ना आना.
2.सही डॉक्टर से सलाह ले
उपरोक्त लक्षण होने पर सही डॉक्टर से पूरंतः जांच करवांये. आप नजदीकी फिजिशियन या हृदय रोग स्पेशलिस्ट से मिलें.
3.दवाइंया पूरी व सही समय पर लें.
4.डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवाई न लें. याद रखें दर्द की छोटी सी टेबलेट भी आप के हार्ट की सेहत को नुक्सान पहुचआ सकती है.
5.कमजोर हार्ट की वज़ह से आपके शरीर में पानी भर सकता है/जिसकी वज़ह से आपके शरीर में सूजन आ सकती है
5.पानी की मात्रा
- पूरे दिन में कूल 6 गिलास तरल पदार्थ तक का सेवन करें. जैसे की:
- 6 गिलास पानी
- चार गिलास पानी, 1 गिलास ढूध, 1 गिलास चाय इत्यादि.
- चार गिलास पानी, 1 गिलास लस्सी, 1 कटोरी दही , दाल का पानी इत्यादि.
6.नमक की मात्रा :
कम् नमक आपके हृदय को तन्दरूसत बनाये रखेगा.
मुख्य भोजन के अलावा कुछ भी [जैसे: बिस्कुट, भुजिया, अचार, केक, इत्यादि] सेवन करने से पहले अपने आप से पूछें :
“क्या इसमें नमक है?”
यदि इसका जवाब हाँ है तो तुरंत इसे आपने खाने की थाली से निकाल दें.
- नमक का पर्योग कम करें.
- नमक सिर्फ सब्जी में ही इस्तेमाल करें.
- सलाद/ फल आदि पर नमक न लगायें
- तली चीजों का सेवन न करें.
- जंक फ़ूड को न कहें.
- पैकेट वाले फ़ूड पर सोडियम [SODIUM] की अवश्य देंखे.
- ज्यादा सोडियम [SODIUM] वाले खाद्य पधार्थों का सेवन न करें.
7.आपका वज़न
- आपके हार्ट की तंदुरस्ती की पहचान है.
- नियमित रूप से अपना वज़न करें.
- अपने वज़न का चार्ट बनाएं
- एक हफ्ते में 4-5 किलो वज़न बदने पर तुरंत अपने हृदय रोग स्पेशलिस्ट से संपर्क करें.
8.दर्द निवारक दवाईंयों को न कंहें.
याद रखें : दर्द निवारक दवाईंयों का सेवन बिलकल न करें. अत्यआधिक दर्द पर अपने हृदय रोग स्पेशलिस्ट से संपर्क करें
कोई भी दर्द निवारक दवाई आपके हार्ट ओर फेफड़ों में पानी भरने की वज़ह बन सकती है. इसका नतीजा आपको हस्पताल में भर्ती होकर चुकाना पड सकता है.\
9.सांस की तकलीफ को नज़रंदाज़ न करें.
अपने सांस की दिककत को बिलकूल नज़रंदाज़ न करें.
सांस की दिकत हार्ट ओर फेफड़ों में पानी भरने का संकेत हो सकती है.इसलिए अपने हृदय रोग स्पेशलिस्ट से तुरंत संपर्क करें.
सांस की तकलीफ को कैसे पहचाने:
10.नई तकनीक के बारे में जानकारी हासिल करें:
कमज़ोर हार्ट की स्थिथि में ICD/CRT जैसी नई मशीनो के बारें में अपने डॉक्टर से अवशय पूछें. इससे आपके हार्ट को नया जीवन दान मिल सकता है.ये मशीने अकस्मात् इमरजेंसी स्थिथि को पहचानने ओर उसके इलाज में भी मदद करती है
किसी भी भ्रम व आधी अधूरी जानकारी के सांझे मे न आयें.समझदारी से काम लें. आपका हृदय आपके पूरे शारीर की सेवा करता है. इसकी सेहत आपकी जिमेदारी है.
11..हृदय की सेहत के तीन स्तंभ:
- अपने डॉक्टर पर पूरा विश्वाश रखें.
- पूजा पाठ में यकीन रखें. यह आपके मनोबल को ऊपर रखेगा.
- कोई भी योग आशान अपने हृदय रोग स्पेशलिस्ट की सलाह के बिना न करें. यह आपके लिए बहूत हानिकारक हो सकता है.
टीम रामा की तरफ से आपके अच्छे स्वास्थ्य के लिए आपको शूभकामनाएँ.